Saturday 9 December 2017

रूहानियत कपड़ों में नहीं सिमरन में है साखी


एक बार एक पाठी सत्संग करने के लिए सत्संग घर मे गया | उस पाठी ने पेंट कमीज पहन राखी थी वहां के सेक्टरी ने उनको बहुत बुरा भला कहा | और कहने लगा की अगर सत्संग करना है तो कुड़ता पजामा पहन के आओ | उस दिन उस पाठी का बहुत दिल दुखा | वो पाठी भजन सिमरन वाला था | बाबा जी के प्यारे का दिल दुखा तो समझो बाबा जी का दिल दुखा |
उस सेक्टरी को एक बार UK आने का मौका मिला | जो हमेशा सफ़ेद कपड़ों के बारे में कहता था | वो सतसग सुनने के लिए गया बाबा जी ने सत्संग किया और शाम को टहलने के लिए निकलते वक़्त जब बाबा जी ए तो सेक्टरी क्या देखता है की बाबा जी ने काली पेंट और कमीज दाल रखी है | यह देख कर उसे एहसास हो गया के बाबा हमेशा क्यों कहते हैं की रूहानियत कपड़ों में नहीं बहजन सिमरन में है

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